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Showing posts from December, 2024

जब एक ज्योतिषी की सलाह ने बदल दी एस्ट्रोटॉक के संस्थापक पुनीत गुप्ता की किस्मत, जानिए रोचक कहानी।

   भारतीयों की ज्योतिष में हमेशा से रुचि रही है। यही कारण है कि न्यूज चैनलों पर इससे जुड़े कार्यक्रम और ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर एस्ट्रोलॉजी का एक विशेष सेक्शन जरूर होता है। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बता रहे हैं, जिसने कभी ज्योतिष पर विश्वास नहीं किया था, लेकिन अब एस्ट्रोलॉजी के माध्यम से हर दिन 30 लाख रुपये की कमाई कर रहा है। यह कहानी है एस्ट्रोटॉक के फाउंडर पुनीत गुप्ता की। दिल्ली में रहने वाले और पेशे से इंजीनियर पुनीत गुप्ता ने कभी एस्ट्रोलॉजी को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन ऐसा क्या हुआ जिसने उन्हें एस्ट्रोलॉजी के क्षेत्र में उतरने के लिए प्रेरित किया, और देखते ही देखते उनकी कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी एस्ट्रोलॉजी कंपनी बन गई। एस्ट्रोटॉक का दुनिया में है नाम एस्ट्रोटॉक दुनिया की सबसे बड़ी एस्ट्रोलॉजी कंपनी बन चुकी है। पिछले चार वर्षों में, दुनियाभर के दो करोड़ से अधिक लोग इसकी सेवाओं का लाभ ले चुके हैं। आज एस्ट्रोटॉक रोजाना करीब ३०-४० लाख रुपये का कारोबार कर रहा है। पुनीत गुप्ता अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित थे, तभी एक ज्योतिषी ने उन्हें एस्ट्रोलॉजी के क्षेत्र में बिजन...

पुराने फर्नीचर और सेकेंड हैंड कंप्यूटर से शुरू हुआ सफर: संजीव बिकचंदानी की प्रेरक कहानी

   अगर सपनों को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी और मेहनत से प्रयास किया जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है। आज हम बात करने जा रहे हैं नौकरी डॉट कॉम और जीवनसाथी डॉट कॉम जैसी वेबसाइट के संस्थापक संजीव बिकचंदानी (Sanjeev Bikhchandani) की जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है। कभी एक सामान्य नौकरी करने वाले संजीव के मन में कुछ बड़ा करने की इच्छा लगातार उन्हें प्रेरित कर रही थी। इसी दृढ़ इरादे के साथ उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी और कारोबार की शुरुआत की। हालांकि, शुरुआत आसान नहीं थी। क्योंकि इस दौरान उन्हें अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से कई बार आलोचना झेलनी पड़ी, लेकिन उन्होंने कभी इन बातों को अपने उद्देश्य पर हावी नहीं होने दिया। उनकी पत्नी सुरभि ने हर कदम पर उनका साथ दिया। अपनी मेहनत और परिवार के सहयोग से उन्होंने कुछ ही वर्षों में 50 हजार करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी। यह भी पढ़ें-  जब उसी कॉलेज में व्याख्यान देने पहुंचे गौतम अडानी जहां नही मिला था एडमिशन-पढ़िए सफलता की रोचक कहानी संजीव बिकचंदानी जिन्होंने कभी अपनी पत्नी से उधार लेकर...

जब उसी कॉलेज में व्याख्यान देने पहुंचे गौतम अडानी जहां नही मिला था एडमिशन-पढ़िए सफलता की रोचक कहानी

  गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। बचपन में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। अपने पिता का सहारा बनने के लिए उन्होंने 16 साल की उम्र में अहमदाबाद में घर-घर जाकर साड़ियां बेचने का काम किया। उनका परिवार अहमदाबाद के पोल इलाके की शेठ चॉल में रहता था। एक समय ऐसा था जब गौतम अडानी हीरे छांटने और पैकेजिंग का छोटा सा काम कर अपना गुजारा कर रहे थेे। आज गौतम अडानी के पास एक विशाल कारोबारी साम्राज्य है। उनकी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी देश में 13 बंदरगाहों और सात हवाई अड्डों का संचालन करती है। उनका समूह निजी क्षेत्र में सबसे बड़ी बिजली उत्पादन इकाई है और भारत का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक भी है। गौतम अ़डानी की कंपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता है, एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, और एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्तियों के पुनर्विकास में लगी हुई है। इसीलिए कुछ लोग उन्हें नई पीढ़ी के सबसे आक्रामक उद्यमियों में से एक मानते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले गौतम अडानी ने अपनी स्कूली शिक्षा अहमदाबाद के शेठ चिमनलाल नागिंददास विद्यालय से ...

घनश्याम दास बिड़ला: भारतीय आर्थिक युग के शिल्पकार एवं प्रेरणास्त्रोत उद्यमी

    हम बात कर रहे हैं भारत के सबसे प्रतिष्ठित साम्राज्यों में से एक, बिड़ला समूह के संस्थापक और देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले घनश्याम दास बिड़ला की। मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखने वाले घनश्याम दास बिड़ला ने व्यवसाय के क्षेत्र में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और मात्र 20 वर्षों से भी कम समय में एक विशाल साम्राज्य खड़ा कर दिया। आज उनके कार्यों और योगदान को सभी मिसाल के रूप में प्रस्तुत करते हैं। उनकी तीसरी पीढ़ी भी व्यवसाय जगत में सक्रिय हो चुकी है और बिड़ला समूह को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।  बि़ड़ला परिवार घनश्याम दास बिड़ला, जिन्हें देश-विदेश के सफल उद्यमियों में गिना जाता है, का जन्म 10 अप्रैल 1894 को राजस्थान के पिलानी में हुआ था। उनके पिता का नाम बलदेव दास बिड़ला और माता का नाम योगेश्वरी देवी था। मारवाड़ी परिवार से संबंध रखने वाले घनश्याम दास ने व्यवसाय में अपने अद्वितीय कौशल और दृष्टिकोण से नई मिसाल कायम की। घनश्याम दास बिड़ला स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ बिड़ला परिवार के एक प्रभावशाली सदस्य थे। वे महात्मा गांधी के मि...

"शिक्षा नहीं, इरादा बड़ा: 5वीं फेल कारोबारी जो कर्मचारियों को देता है महंगे गिफ्ट"

   सावजी ढोलकिया, श्री हरि कृष्‍णा एक्‍सपोर्ट्स के चेयरमैन हैं और हर साल दिवाली के समय सुर्खियों में आते हैं। इस दिन वे अपने कर्मचारियों को महंगे गिफ्ट्स प्रदान करते हैं, जिनमें कार, घर और बेशकीमती आभूषण शामिल होते हैं। वे 1995 से यह परंपरा निभा रहे हैं और अपने कर्मचारियों को अपने परिवार के सदस्य के रूप में मानते हैं। इसके अलावा, वह हर साल उनके माता-पिता को एक टूर पर भी भेजते हैं। अब तक उन्होंने 4000 से अधिक लोगों को कार, घर और आभूषण वितरित किए हैं। आइए, जानते हैं इस महान दानवीर के बारे में। 13 साल की उम्र में छोड़ द‍िया स्‍कूल  सावजी ढोलकिया गुजरात के अमरेली जिले के दुधाला गांव के निवासी हैं। उन्हें पढ़ाई में रुचि नहीं थी, इसलिए केवल 13 साल की उम्र में ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और सूरत आकर एक फैक्ट्री में काम करने लगे। उस समय उन्हें महज 180 रुपये प्रति माह सैलरी मिलती थी, जिसमें से 140 रुपये केवल खाने-पीने पर ही खर्च हो जाते थे। सावजी ढोलकिया ज्यादा पैसे कमाने की इच्छा रखते थे, इसलिए उन्होंने अपने दोस्त के साथ हीरा घिसने का काम शुरू किया। उन्होंने इस काम में 10 साल तक ...

कैसे खुद की नायिका बनीं Nykaa की संस्थापक फाल्गुनी नायर

फाल्गुनी नायर भारतीय महिलाओं की शीर्ष अमीर महिला सीईओ हैं। वह नायका की   संस्थापक हैं और ऑनलाइन प्लेटफार्म के मा ध्यम से ब्यूटी और वेलनेस प्रोडक्ट सेल करती हैं। उनकी नेटवर्थ करीब २१६०० करोड़ रुपए है और उनके पास १६०० से अधिक कर्मचारी है । नायका के देशभर में अपने १७ स्टोर्स हैं। देश की महिलाओं का बिजनेस क्षेत्र में दबदबा बढ़ रहा है। अब देश में कारोबारी महिलाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। भारतीय महिलाओं का डंका देश से लेकर विदेशों तक में गूंज रहा है। इन्ही में से एक महिला का नाम इन दिनों खूब चर्चा में है। फाल्गुनी नायर। फाल्गुनी नायर एक बिजनेस वूमन हैं। वह देश की सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हो चुकी हैं। फाल्गुनी को विरास त में कोई कंपनी नही मिली या माता पिता के पैसों के बलबूते पर नही बनाया बल्कि अपना ये मुकाम खुद बनाया। फाल्गुनी नायर को भारतीय स्टार्ट-अप की क्वीन कहा जाता है। वह नायका की संस्थापक हैं। नायका कंपनी हाल ही में शेयर मार्केट में लिस्ट हुई है। फाल्गुनी नायर खुद कहती हैं , " आज एक सपना साकार हो गया। मैंने 50 साल की उम्र में बिना किसी अनुभव के नायका की शुरुआत...