कैसे BITS Pilani के दो छात्रों ने खड़ी कर दी Swiggy जैसी बड़ी फूड डिलिवरी कंपनी..पढ़िए सफलता की प्रेरक कहानी
आजकल कहा जाता है कि बिजनेस में निवेश से ज्यादा एक बेहतरीन आइडिया का होना महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है, तो आप कम निवेश में भी बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं। लेकिन अगर आइडिया कामयाब नहीं होता, तो लाखों रुपये बर्बाद हो सकते हैं। ऐसी ही कहानी है आपके घर तक स्वादिष्ट व्यंजन पहुंचाने वाले डिलीवरी ऐप स्विगी (Swiggy) की। आज भले ही स्विगी लाखों लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत बेहद छोटे स्तर पर और कम निवेश के साथ की गई थी?
आज से कुछ समय पहले तक शायद किसी ने सोचा नही होगा कि ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी सेवाएँ देशभर में इतनी लोकप्रिय हो जाएंगी। लेकिन स्विगी जैसे ऐप ने इस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। 2014 में स्थापित स्विगी ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी ज़ोमैटो के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद कई क्षेत्रों में बाज़ार पर पकड़ बनाई और "सबसे बड़ा ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म" बनने में सफलता हासिल की। आज के समय में Swiggy न केवल लोगों की जरूरत बन गया है, बल्कि इसके उपयोगकर्ता इस पर काफी निर्भर हो गए हैं। अगर इसके बिजनेस की बात करें, तो Swiggy का कारोबार अब करोड़ों रुपये तक पहुंच चुका है। तो आइए जानते हैं स्विगी कैसे ऑनलाइन फूड बिजनेस में इतना लोकप्रिय हुआ।
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Swiggy की शुरुआत साल 2014 में हुई थी। इस कंपनी की नींव राहुल जैमिनी ने अपने दो दोस्तों, नंदन रेड्डी और श्रीहर्ष मजेटी (Sriharsha Majety), के साथ मिलकर रखी थी। शुरुआत में, Swiggy ने सिर्फ 6 डिलीवरी ब्वॉय के साथ काम शुरू किया था और ये लोग 25 रेस्टोरेंट से खाना डिलीवर करते थे। हालांकि, इस छोटे से कदम ने जल्द ही बड़ा रूप ले लिया।
स्विगी की स्थापना किसने की?
स्विगी का आइडिया तीन सह-संस्थापकों: श्रीहर्ष मजेटी, नंदन रेड्डी और राहुल जैमिनी के दिमाग की उपज है।
श्रीहर्ष मजेटी – श्रीहर्ष मजेटी बिट्स पिलानी और आईआईएम के पूर्व छात्र हैं। स्विगी की सह-स्थापना से पहले, उन्होंने आईआईएम के लिए भर्ती समन्वयक के रूप में काम किया। इसके बाद, उन्होंने नंदन रेड्डी के साथ मिलकर बंडल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की, जिसने स्विगी की नींव रखी।
नंदन रेड्डी – नंदन रेड्डी ने 2010 में बिट्स पिलानी से एम.एस.सी. की पढ़ाई पूरी की। बंडल टेक्नोलॉजीज से पहले, वे हैदराबाद में "ज़र्ना" नामक एक रेस्तरां के सह-संस्थापक भी रहे थे।
राहुल जैमिनी
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