हम बात कर रहे हैं भारत के सबसे प्रतिष्ठित साम्राज्यों में से एक, बिड़ला समूह के संस्थापक और देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले घनश्याम दास बिड़ला की। मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखने वाले घनश्याम दास बिड़ला ने व्यवसाय के क्षेत्र में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और मात्र 20 वर्षों से भी कम समय में एक विशाल साम्राज्य खड़ा कर दिया। आज उनके कार्यों और योगदान को सभी मिसाल के रूप में प्रस्तुत करते हैं। उनकी तीसरी पीढ़ी भी व्यवसाय जगत में सक्रिय हो चुकी है और बिड़ला समूह को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बि़ड़ला परिवार घनश्याम दास बिड़ला, जिन्हें देश-विदेश के सफल उद्यमियों में गिना जाता है, का जन्म 10 अप्रैल 1894 को राजस्थान के पिलानी में हुआ था। उनके पिता का नाम बलदेव दास बिड़ला और माता का नाम योगेश्वरी देवी था। मारवाड़ी परिवार से संबंध रखने वाले घनश्याम दास ने व्यवसाय में अपने अद्वितीय कौशल और दृष्टिकोण से नई मिसाल कायम की। घनश्याम दास बिड़ला स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ बिड़ला परिवार के एक प्रभावशाली सदस्य थे। वे महात्मा गांधी के मि...