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चार असफल बिजनेस और फिर सफलता की अनोखी उड़ान..पढ़िए गजब की मिसाल

    सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती, यह बात मिसाल बनकर साबित की है बिहार के नालंदा जिले के 29 वर्षीय मिस्बाह अशरफ (Misbah Ashraf) ने। बार-बार असफल होने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी लगन, जुनून और दृढ़ इच्छाशक्ति से सफलता हासिल की। मिस्बाह की कड़ी मेहनत ने उन्हें फोर्ब्स की ‘फोर्ब्स 30 अंडर 30’ सूची में जगह दिलाई। महज 29 साल की उम्र में उन्होंने 2463 करोड़ रुपये की फिनटेक कंपनी खड़ी कर, अपनी सफलता की कहानी लिखी। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि उम्र केवल एक संख्या है, अगर आप में जुनून और हौसला है तो आप बड़ी से बड़ी ऊंचाई हासिल कर सकते हैं। मिशबाह अशरफ का शुरुआती जीवन मिस्बाह अशरफ (Misbah Ashraf) बिहार के नालंदा जिले से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता एक साधारण शिक्षक हैं, और उन्होंने असफलताओं से लड़ते रहने की प्रेरणा अपने पिता से ही पाई। उनकी मां एक गृहिणी हैं, और उनकी शुरुआती शिक्षा नालंदा में ही हुई। मिडिल क्लास परिवार में पले-बढ़े मिस्बाह ने बचपन से ही बड़े सपने देखे थे। इन्हीं सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया। हालांकि, उन्होंने...

सिर्फ 6 महीने में 600 करोड़ की कंपनी: Ekkaa Electronics के शून्य से शिखर तक पहुंचने का सफर

   Ekkaa Electronics की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कंपनी की शुरुआत सागर गुप्ता ने 2018 में की थी, और वर्तमान में इसका वार्षिक टर्नओवर 600 करोड़ रुपये से अधिक है। कंपनी में 1,000 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं। एक्का इलेक्ट्रॉनिक्स का दावा है कि 24 इंच से 40 इंच तक की एलईडी टीवी असेंबल करने के मामले में यह देश की सबसे बड़ी कंपनी है। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद, जहां अधिकतर युवा नौकरी की तलाश में लग जाते हैं, वहीं एक युवा ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर करोड़ों रुपये की कंपनी खड़ी कर दी। देश में ऐसे कई युवा उद्यमी हैं, जिन्होंने कम समय में अपने बिजनेस और कमाई से लोगों को चकित कर दिया है। इसी सूची में नोएडा के सागर गुप्ता का नाम भी शामिल है। इस युवा उद्यमी ने अपने पिता के साथ मिलकर मात्र 4 वर्षों में करोड़ों रुपये का बिजनेस साम्राज्य खड़ा किया। बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद सागर ने मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में कदम रखा। उन्होंने 2017 में अपने पिता के साथ मिलकर "एक्का इलेक्ट्रॉनिक्स" की स्थापना की। सिर्फ 4 वर्षों में सागर गुप्ता ने इस कंपनी का कारोबार ₹600 करो...

Leadership क्या है और एक अच्छा Leadership कैसे विकसित करें।

  नेतृत्व क्या है और एक अच्छे लीडर की विशेषताएँ क्या होती हैं? (what is leadership and qualities of a good leader)   नेतृत्व वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक व्यक्ति अपने समूह या टीम को एक साझा लक्ष्य की ओर मार्गदर्शन और प्रेरित करता है। एक अच्छे लीडर को अपनी टीम को प्रेरित करने, दिशा देने और निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। एक अच्छे लीडर की विशेषताएँ निम्नलिखित हो सकती हैं: दृष्टिकोण और उद्देश्य : एक अच्छा लीडर स्पष्ट दृष्टिकोण और उद्देश्य के साथ कार्य करता है, जिससे टीम को दिशा मिलती है। संचार कौशल : एक अच्छा लीडर अपनी बातों को स्पष्ट और प्रभावी तरीके से टीम के सामने रखता है। सहानुभूति और समर्थन : एक अच्छा लीडर अपनी टीम के सदस्य की समस्याओं और चिंताओं को समझता है और उनका समर्थन करता है। निर्णय लेने की क्षमता : एक लीडर को मुश्किल समय में भी त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। सकारात्मकता और प्रेरणा : एक अच्छा लीडर टीम के मनोबल को बनाए रखने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाता है और टीम को प्रेरित करता है। नैतिकता और ईमानदारी : एक अच्छे लीडर को ईमानदार, निष्पक...

कैसे BITS Pilani के दो छात्रों ने खड़ी कर दी Swiggy जैसी बड़ी फूड डिलिवरी कंपनी..पढ़िए सफलता की प्रेरक कहानी

    आजकल कहा जाता है कि बिजनेस में निवेश से ज्यादा एक बेहतरीन आइडिया का होना महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है, तो आप कम निवेश में भी बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं। लेकिन अगर आइडिया कामयाब नहीं होता, तो लाखों रुपये बर्बाद हो सकते हैं। ऐसी ही कहानी है आपके घर तक स्वादिष्ट व्यंजन पहुंचाने वाले डिलीवरी ऐप स्विगी (Swiggy) की। आज भले ही स्विगी लाखों लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत बेहद छोटे स्तर पर और कम निवेश के साथ की गई थी? आज से कुछ समय पहले तक शायद किसी ने सोचा नही होगा कि ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी सेवाएँ देशभर में इतनी लोकप्रिय हो जाएंगी। लेकिन स्विगी जैसे ऐप ने इस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। 2014 में स्थापित स्विगी ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी ज़ोमैटो के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद कई क्षेत्रों में बाज़ार पर पकड़ बनाई और "सबसे बड़ा ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म" बनने में सफलता हासिल की। आज के समय में Swiggy न केवल लोगों की जरूरत बन गया है, बल्कि इसके उपयोगकर्ता इस पर काफी निर...

जब एक ज्योतिषी की सलाह ने बदल दी एस्ट्रोटॉक के संस्थापक पुनीत गुप्ता की किस्मत, जानिए रोचक कहानी।

   भारतीयों की ज्योतिष में हमेशा से रुचि रही है। यही कारण है कि न्यूज चैनलों पर इससे जुड़े कार्यक्रम और ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर एस्ट्रोलॉजी का एक विशेष सेक्शन जरूर होता है। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बता रहे हैं, जिसने कभी ज्योतिष पर विश्वास नहीं किया था, लेकिन अब एस्ट्रोलॉजी के माध्यम से हर दिन 30 लाख रुपये की कमाई कर रहा है। यह कहानी है एस्ट्रोटॉक के फाउंडर पुनीत गुप्ता की। दिल्ली में रहने वाले और पेशे से इंजीनियर पुनीत गुप्ता ने कभी एस्ट्रोलॉजी को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन ऐसा क्या हुआ जिसने उन्हें एस्ट्रोलॉजी के क्षेत्र में उतरने के लिए प्रेरित किया, और देखते ही देखते उनकी कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी एस्ट्रोलॉजी कंपनी बन गई। एस्ट्रोटॉक का दुनिया में है नाम एस्ट्रोटॉक दुनिया की सबसे बड़ी एस्ट्रोलॉजी कंपनी बन चुकी है। पिछले चार वर्षों में, दुनियाभर के दो करोड़ से अधिक लोग इसकी सेवाओं का लाभ ले चुके हैं। आज एस्ट्रोटॉक रोजाना करीब ३०-४० लाख रुपये का कारोबार कर रहा है। पुनीत गुप्ता अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित थे, तभी एक ज्योतिषी ने उन्हें एस्ट्रोलॉजी के क्षेत्र में बिजन...

पुराने फर्नीचर और सेकेंड हैंड कंप्यूटर से शुरू हुआ सफर: संजीव बिकचंदानी की प्रेरक कहानी

   अगर सपनों को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी और मेहनत से प्रयास किया जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है। आज हम बात करने जा रहे हैं नौकरी डॉट कॉम और जीवनसाथी डॉट कॉम जैसी वेबसाइट के संस्थापक संजीव बिकचंदानी (Sanjeev Bikhchandani) की जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है। कभी एक सामान्य नौकरी करने वाले संजीव के मन में कुछ बड़ा करने की इच्छा लगातार उन्हें प्रेरित कर रही थी। इसी दृढ़ इरादे के साथ उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी और कारोबार की शुरुआत की। हालांकि, शुरुआत आसान नहीं थी। क्योंकि इस दौरान उन्हें अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से कई बार आलोचना झेलनी पड़ी, लेकिन उन्होंने कभी इन बातों को अपने उद्देश्य पर हावी नहीं होने दिया। उनकी पत्नी सुरभि ने हर कदम पर उनका साथ दिया। अपनी मेहनत और परिवार के सहयोग से उन्होंने कुछ ही वर्षों में 50 हजार करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी। यह भी पढ़ें-  जब उसी कॉलेज में व्याख्यान देने पहुंचे गौतम अडानी जहां नही मिला था एडमिशन-पढ़िए सफलता की रोचक कहानी संजीव बिकचंदानी जिन्होंने कभी अपनी पत्नी से उधार लेकर...

जब उसी कॉलेज में व्याख्यान देने पहुंचे गौतम अडानी जहां नही मिला था एडमिशन-पढ़िए सफलता की रोचक कहानी

  गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। बचपन में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। अपने पिता का सहारा बनने के लिए उन्होंने 16 साल की उम्र में अहमदाबाद में घर-घर जाकर साड़ियां बेचने का काम किया। उनका परिवार अहमदाबाद के पोल इलाके की शेठ चॉल में रहता था। एक समय ऐसा था जब गौतम अडानी हीरे छांटने और पैकेजिंग का छोटा सा काम कर अपना गुजारा कर रहे थेे। आज गौतम अडानी के पास एक विशाल कारोबारी साम्राज्य है। उनकी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी देश में 13 बंदरगाहों और सात हवाई अड्डों का संचालन करती है। उनका समूह निजी क्षेत्र में सबसे बड़ी बिजली उत्पादन इकाई है और भारत का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक भी है। गौतम अ़डानी की कंपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता है, एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, और एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्तियों के पुनर्विकास में लगी हुई है। इसीलिए कुछ लोग उन्हें नई पीढ़ी के सबसे आक्रामक उद्यमियों में से एक मानते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले गौतम अडानी ने अपनी स्कूली शिक्षा अहमदाबाद के शेठ चिमनलाल नागिंददास विद्यालय से ...